Dr Avinash Dubey Best Nephrologist

किडनी प्रत्यारोपण (Kidney Transplantation)

किडनी प्रत्यारोपण की खोज क्रोनिक किडनी फेल्योर के मरीजों के लिए एक वरदान है
किडनी प्रत्यारोपण चिकित्सा विज्ञान की प्रगति की निशानी है। क्रोनिक किडनी फेल्योर की अंतिम अवस्था के उपचार का यह उत्तम विकल्प है। सफल किडनी प्रत्यारोपण के बाद मरीज का जीवन अन्य व्यक्ति के जैसा ही स्वस्थ और सामान्य होता है।
किडनी प्रत्यारोपण के विषय में चर्चा हम चार भागों में करेंगे
1. किडनी प्रत्यारोपण से पहले जानने योग्य बातें
2. किडनी प्रत्यारोपण के ऑपरेशन की जानकारी
3. किडनी प्रत्यारोपण के बाद जाने योग्य आवश्यक जानकारी
4. केडेवर किडनी प्रत्यारोपण
किडनी प्रत्यारोपण से पहले जानने योग्य बातें किडनी प्रत्यारोपण क्या है? क्रोनिक किडनी फेल्योर के मरीज में अन्य व्यक्ति (जीवित अथवा मृत)
की एक स्वस्थ किडनी ऑपरेशन द्वारा लगाने को किडनी प्रत्यारोपण
कहते हैं।
किडनी प्रत्यारोपण की जरूरत कब नहीं होती है? किसी भी व्यक्ति की दोनों किडनी में से एक किडनी खराब होने पर शरीर के किडनी से संबंधित सभी जरूरी काम दूसरी किडनी की मदद से चल सकते हैं। एक्यूट किडनी फेल्योर में उचित उपचार (दवा और कुछ मरीजों में अल्प समय के लिए डायलिसिस) से किडनी पुन संपूर्ण रूप से कार्य करने लगती है। ऐसे मरीजों को किडनी प्रत्यारोपण की जरूरत नहीं होती है।
किडनी प्रत्यारोपण की आवश्यकता कब पड़ती है?
क्रोनिक किडनी फैल्योर के मरीज में जब दोनों किडनी पूरी तरह खराब हो जाती है (85 प्रतिशत से ज्यादा). तब दवाई के बावजूद मरीज की तबियत बिगड़ने लगती है और उसे नियिमत डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। क्रोनिक किडनी फेल्योर के ऐसे मरीजों के लिए उपचार का दूसरा असरकारक विकल्प किडनी प्रत्यारोपण है।
किडनी प्रत्यारोपण क्यों जरूरी है?
क्रोनिक किडनी फेल्योर के मरीज में जब दोनों किडनी पूरी तरह खराब हो जाती हैं तब अच्छी तबियत रखने के लिए सप्ताह में तीन बार नियिमत डायलिसिस और दवाई की जरूरत रहती है। इस प्रकार के मरीज की अच्छी तबियत निर्धारित दिन और समय पर किये। जानेवाले डायलिसिस पर निर्भर करती है। किडनी प्रत्यारोपण के बाद मरीज को इन सबसे मुक्ति मिल जाती है सफलतापूर्वक किया गया किडनी प्रत्यारोपण उत्तम तरीके से जीने के लिए एकमात्र संपूर्ण और असरकारक उपाय है किडनी प्रत्यारोपण जीवन के उपहार के रूप में जाना जाता है। इससे जीवन बचता है और मरीज को सामान्य जीवन का आनंद का अवसर मिलता है।
किडनी प्रत्यारोपण से क्या-क्या लाभ है?
सफल किडनी प्रत्यारोपण के लान
1. जीवन जीने की उच्च गुणवत्ता मरीज सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन जी सकता है और अपना रोज का कार्य भी कर सकता है।
2 डायलिसिस कराने के बंधन से मरीज मुक्त हो जाता है। रोगियों को हीमोडायलिसिस के उपचार के दौरान, अनेक जटिलताओं एवं असुविधाओं का सामाना करना पड़ता है। किडनी प्रत्यारोपण से आर्थिक खर्च एवं समय की भी बचत होती है।
3. आहार में कम परहेज करना पड़ता है।
4. मरीज शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है। I 5. पुरुषों को शारीरिक संबंध बनाने में कोई कठनाई नहीं होती है तथा
महिला मरीज बच्चों को जन्म दे सकती हैं।
6. लम्बी आयु की संभावना: किडनी प्रत्यारोपण के रोगियों में एक लम्बे जीवन की संभावना बनी रहती है (उन मरीजों की तुलना में जो डायलिसिस पर रहते हैं।
7. शुरू के और पहले साल के उपचार के खर्च के बाद आगे के उपचार में कम खर्च होता है।
किडनी प्रत्यारोपण की हानियाँ क्या है? किडनी प्रत्यारोपण से होनेवाली मुख्य हानियाँ निम्नलिखित है:
1. बड़े ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है, परन्तु वह संपूर्ण सुरक्षित है।
2. अस्वीकृति का खतरा शरीर, प्रत्यारोपित किडनी को स्वीकार करेगा इसकी 100% गारंटी नहीं होती है लेकिन नए दोर की बेहतर प्रतिरक्षादमनकारी दवाओं की उपलब्धता के कारण अतीत की तुलना में शरीर द्वारा प्रत्यारोपित किडनी की अस्वीकृति कम हो गई है।
3. किडनी प्रत्यारोपण के बाद नियमित दवा लेने की जरूरत पड़ती है। शुरू में यह दवा बहुत महँगी होती है। यदि दवा का सेवन थोड़े समय के लिए भी बंद हो जाए, तो प्रत्यारोपित किडनी बंद हो सकती है।
4. यह उपचार बहुत महँगा है। ऑपरेशन और अस्पताल का खर्च, घर जाने के बाद नियमित दया एवं बार-बार लेबोरेटरी से जाँच कराना इत्यादि खर्च बहुत महंगा (तीन से पांच लाख तक) होते है
किडनी प्रत्यारोपण की सलाह कब नहीं दी जाती है?
ई. एस. आर. डी. के रोगी के लिए किडनी प्रत्यारोपण करने की सलाह तब नहीं दी जाती जब मरीज को • एक गंभीर सक्रिय संक्रमण हो
• सक्रिय या अनुपचारित कैंसर हो
• तीव्र मनोवैज्ञानिक समस्या या मानसिक मंदता हो
• अस्थिर कोरोनरी  धमनी की बीमारी हो
• हृदयाघात या हृदय का फेल होना हो
• तीव्र एवं गंभीर रोगों की उपस्थिति हो
• दाता किडनी के खिलाफ एंटीबॉडी की उपस्थिति हो
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