पोलिसिस्टिक किडनी डिसीज रोग किसको हो सकता है?
वयस्को (Adult) में होने वाला पोलिसिस्टिक किडनी डिजीज रोग ऑटोजोमल डोमिनेन्ट प्रकार का वंशानुगत रोग है, जिसमें मरीज के 50 प्रतिशत यानी कुल संतानों में से आधी संतानों को यह रोग होने की संभावना रहती है।
पी. के. डी. के मरीजों के परिवार से कौन-कौन से सदस्यों की
जाँच की जानी चाहिए?
पी. के. डी. के मरीज के भाई, बहन और बच्चों की जाँच पी. के. डी. के लिए करनी चाहिए। इसके अलावा उसके माता पिता के नाई- – बहन जिनके यह बीमारी मरीज को विरासत में मिली है, उनकी भी जाँच करवानी चाहिए। पी. के. डी. रोग को फैलने से क्यों नहीं रोगा जा सकता है?
साधारणत जब पी. के. डी. का निदान होता है. उस समय मरीज की
उम्र 35 से 55 साल के आसपास होती है। ज्यादातर पी. के. डी. के.
मरीजों में इस उम्र में आने से पूर्व बच्चों का जन्म हो चुका होता है। इस कारण से पी. के. डी. को भविष्य की पीढ़ी में होने से रोका जाना असंभव है।
पी. के. डी. का किडनी पर क्या असर होता है?
• पी. के. डी. में दोनों किडनी में गुब्बारे या बुलबुले जैसे असंख्य
सिस्ट पाये जाते है।
• विविध आकार के असंख्य सिस्ट में से छोटे सिस्ट का आकार इतना छोटा होता है कि सिस्ट को नंगी आँखों से देखना संभव नही होता है और बड़े सिस्ट का आकार दस सेमी. से अधिक व्यास का भी हो सकता है।