किडनी रोग के एक सामान्य लक्षण में मूत्र प्रवाह के पैटर्न में परिवर्तन होता है। मरीज़ शराबी या फेन वाली मूत्र, बार-बार पेशाब करना, मूत्र में रक्त या कम मूत्र उत्पादन जैसे परिवर्तनों का ध्यान देना चाहिए। ये परिवर्तन किडनी की कार्यक्षमता की कमजोरी का संकेत देते हैं और उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।
पेशाब से संबंधित निम्नलिखित शिकायतें हो सकती है:
1. विभिन्न किडनी रोगों में पेशाब की मात्रा में कमी हो जाती है।
2. पेशाब में जलन (dysuria). बार-बार पेशाब आना और पेशाब में रक्त या संवाद (Pus) का आना, पेशाब पथ के संक्रमण का लक्षण हो सकता है।
3. पेशाब के सामान्य प्रवाह में बाधा/रुकावट, पेशाब करने समय उसकी
कमजोर व् पतली धार (stream of urine). पेशाब त्याग करने में कठिनाई. या जोर लगाने की आवश्यकता आदि पेशाब रोग के लक्षण हो सकते हैं। गंभीर स्थिति में पेशाब त्याग करने के लिए पूर्ण अक्षमता हो सकती है। किसी व्यक्ति में उपरोक्त लक्षणों और संकेतों में से कई लक्षण उपस्थित हो सकते हैं पर यह जरुरी नहीं है की वह व्यक्ति किडनी की बीमारी से पीड़ित हो। हालांकि इस तरह के लक्षणों की उपस्थिति में डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है। रक्त और पेशाब परीक्षण से किडनी की बीमारी का पता चल जाता है। यह याद रखना महत्वपूर्ण है की गंभीर किडनी की समस्याएँ किसी भी महत्वपूर्ण लक्षण और संकेत के बिना लम्बी अवधि के लिए चुपचाप मौजूद रह सकती है।