Dr Avinash Dubey Best Nephrologist

किडनी रोगियों के लक्षण

डॉ। अविनाश दुबे, रांची के एक नेफ्रोलॉजिस्ट के रूप में, किडनी रोगों के निदान और उपचार में विशेषज्ञता रखते हैं। किडनी रोगों के लक्षणों को सही समय पर पहचानना है ताकि समय पर इलाज किया जा सके और सामरिक नियंत्रण और प्रबंधन किया जा सके। किडनी की बीमारियों के लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में गिन्न हो सकते हैं। यह निर्भर करता है किडनी के अंतर्निहित रोग और उसकी गंभीरता पर इसलिए रोग का प्रारंभिक दोर में पता लगाना मुश्किल होता है।किडनी की बीमारियों के सामान्य लक्षण

चेहरे की सूजन

चेहरे, पेट और पैरों में सूजन, किडनी की बीमारी की ओर संकेत करते है। किडनी की बीमारी की वजह से जो सूजन होती है, आम तौर पर वह बहुत जल्दी नजर आ जाती है। पलकों के नीचे की सूजन जिसे पेरिआरबिटल ऐडीमा कहते हैं. यह सुबह के समय प्रत्यक्ष दिखाई देती है। किडनी की खराबी का सूजन एक महत्वपूर्ण लक्षण है। लेकिन यह ध्यान में रखना चाहिए कि जरूरी नहीं है कि हमेशा सूजन, किडनी की खराबी का ही सकते है। कुछ बीमारियों में किडनी ठीक होने के बावजूद शरीर में सूजन होती है। उदाहरण नेफ्रोटिक सिंड्रोम उतना ही महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि किडनी की खराबी के बावजूद कुछ रोगियों में सूजन नहीं होती है।

• भूख की कमी, मितली, उलटी

किडनी रोग के उन्नत चरणों में, मरीज़ को मतली, उल्टी, भूख की कमी और वजन घटाने का अनुभव हो सकता है। यह उस समय होता है जब किडनी के आपूर्ति चालकों और विषाक्त पदार्थों का संचय शरीर में शुरू होता है। भूख की कमी, मितली. उलटी. मुँह में असामान्य स्वाद लगना आदि कुछ आम लक्षण है। किडनी की बिगड़ती दशा के साथ शरीर में विषाक्त पदार्थों के स्तर में वृद्धि होती जाती है। जिसके फलस्वरूप सुबह के समय चेहरे और आँखों पर सूजन आना, किडनी रोग की सर्वप्रथम निशानी हो सकती , मितली, उलटी, जी मचलाना और कई बार मरीज को अत्याधिक हिचकियाँ आती है।

• उच्च रक्तचाप

उच्च रक्तचाप किडनी रोग के कारण और परिणाम दोनों होता है। यदि रक्तचाप लगातार बढ़ा रहता है, तो यह किडनी में रक्तवाहिनियों को क्षति पहुंचा सकता है और उनकी कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है। उल्टी कोटो रोग में, किडनी रोग भी उच्च रक्तचाप का कारण बन सकती है, जो स्थिति को अधिक बिगाड़ सकती है। किडनी की खराबी के कारण रोगियों में उच्च रक्तचाप होना एक आम लक्षण है। अगर उच्च रक्तचाप कम उम्र में (30 साल से कम) हो जाये या किसी भी उम्र में रक्तचाप जाँच के समय में बहुत अधिक है तो इसका कारण किडनी रोग हो सकता है।

कमजोरी और थकान आमतौर पर किडनी समस्याओं के अनुभव होते हैं। किडनी रक्तकोशिकाओं के उत्पादन को उत्तेजित करने वाली एक हार्मोन नामक युक्ति का महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब किडनी खराब हो जाती है, तो शरीर युग्मांकन को पर्याप्त मात्रा में उत्पन्न नहीं कर सकता है, जिससे एनीमिया और थकान की भावना हो सकती है। रक्तल्पता या एनीमिया और कमजोरी जल्दी थकान लगना, शरीर में पीलापन, किडनी की खराबी के आम लक्षण हैं। किडनी की खराबी की प्रारंभिक अवस्था में केवल यही एक लक्षण उपस्थित हो सकता है। अगर उचित उपचार से एनीमिया ठीक नही होता है तो यह किडनी की खराबी का संकेत हो सकता है।

• अन्य लक्षण

पीठ के निचले हिस्से में दर्द, शरीर में दर्द, खुजली, और पैरों में ऐंठन किडनी की बीमारियों की सामान्य शिकायतें है। मंद विकास, छोटा कद और पैर की हडिडयों का झुकना आदि किडनी की खराबी वाले बच्चों में आम तौर पर देखा जाता है।किडनी की खराबी का सूजन एक महत्वपूर्ण लक्षण है। लेकिन यह ध्यान में रखना चाहिए कि जरूरी नहीं है कि हमेशा सूजन, किडनी की खराबी का ही सकते है। कुछ बीमारियों में किडनी ठीक होने के बावजूद शरीर में सूजन होती है। उदाहरण नेफ्रोटिक सिंड्रोम उतना ही महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि किडनी की खराबी के बावजूद कुछ रोगियों में सूजन नहीं होती है।

• पेशाब संबंधित शिकायतें

किडनी रोग के एक सामान्य लक्षण में मूत्र प्रवाह के पैटर्न में परिवर्तन होता है। मरीज़ शराबी या फेन वाली मूत्र, बार-बार पेशाब करना, मूत्र में रक्त या कम मूत्र उत्पादन जैसे परिवर्तनों का ध्यान देना चाहिए। ये परिवर्तन किडनी की कार्यक्षमता की कमजोरी का संकेत देते हैं और उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।
पेशाब से संबंधित निम्नलिखित शिकायतें हो सकती है:
1. विभिन्न किडनी रोगों में पेशाब की मात्रा में कमी हो जाती है।
2. पेशाब में जलन (dysuria). बार-बार पेशाब आना और पेशाब में रक्त या संवाद (Pus) का आना, पेशाब पथ के संक्रमण का लक्षण हो सकता है।
3. पेशाब के सामान्य प्रवाह में बाधा/रुकावट, पेशाब करने समय उसकी
कमजोर व् पतली धार (stream of urine). पेशाब त्याग करने में कठिनाई. या जोर लगाने की आवश्यकता आदि पेशाब रोग के लक्षण हो सकते हैं। गंभीर स्थिति में पेशाब त्याग करने के लिए पूर्ण अक्षमता हो सकती है। किसी व्यक्ति में उपरोक्त लक्षणों और संकेतों में से कई लक्षण उपस्थित हो सकते हैं पर यह जरुरी नहीं है की वह व्यक्ति किडनी की बीमारी से पीड़ित हो। हालांकि इस तरह के लक्षणों की उपस्थिति में डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है। रक्त और पेशाब परीक्षण से किडनी की बीमारी का पता चल जाता है। यह याद रखना महत्वपूर्ण है की गंभीर किडनी की समस्याएँ किसी भी महत्वपूर्ण लक्षण और संकेत के बिना लम्बी अवधि के लिए चुपचाप मौजूद रह सकती है।

याद रखें, ये लक्षण किडनी रोग के कारण और चरण पर निर्भर कर सकते हैं। कुछ लोग इतने गंभीर चरण तक पहुंचने तक किसी भी प्रतीत लक्षण का अनुभव नहीं करते हैं। इसलिए, नियमित चेकअप और किडनी की कार्यक्षमता परीक्षण महत्वपूर्ण है, खासकर मधुमेह, उच्च रक्तचाप, या किडनी रोग के परिवारिक इतिहास वाले लोगों के लिए। अगर आपको इन लक्षणों का अनुभव हो रहा है या आपको किडनी संबंधित समस्याओं के बारे में संदेह है, तो डॉ। अविनाश दुबे जैसे नेफ्रोलॉजिस्ट से सलाह लेना सलाहकार है। समय रहते निदान और उचित प्रबंधन के माध्यम से किडनी रोग की प्रगति को धीमा करने और किडनी की कार्यक्षमता को संरक्षित रखने में सहायता मिलेगी, जिससे संपूर्ण स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। रांची में डॉ। अविनाश दुबे और उनकी समर्पित टीम रोगियों के लिए व्यापक देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सटीक निदान, व्यक्तिगत उपचार योजनाएं, और नियमित निगरानी के माध्यम से वे मरीज़ों की किडनी स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार करने का प्रयास करते हैं। याद रखें, किडनी की देखभाल करना संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, और यदि आपको किसी भी किडनी संबंधित मुद्दों के बारे में संदेह होता है, तो पेशेवर चिकित्सा सलाह लेना अत्यधिक आवश्यक है।

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