Dr Avinash Dubey Best Nephrologist

किडनी के कई रोग बहुत गंभीर होते हैं और यदि इनका समय पर इलाज नहीं किया गया. तो उपचार असरकारक नहीं होता है। क्रोनिक किडनी फेल्योर जैसे रोग जो ठीक नहीं हो सकते हैं. उनके अंतिम चरण के उपचार जैसे डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण बहुत महंगे हैं। यह सुविधा हर जगह उपलब्ध भी नहीं होती है इसलिए कहावत ‘Prevention is better than cure’ का अनुसरण बहुत जरूरी है किडनी खराब होने से बचाने की जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को होनी चाहिये। किडनी खराब होने से बचने की जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को होनी चाहिए।

किडनी की बीमारी को कैसे रोके अपने किडनी को कभी अनदेखा न करें

1: फिट और सक्रिय रहे

नियमित रूप से एरोबिक व्यायाम और दैनिक शारीरिक गतिविधियाँ, रक्तचाप को सामान्य रखने में और रक्त शर्करा को नियंत्रण करने में मदद करती हैं। इस तरह शारीरिक गतिविधियाँ, मधुमेह और उच्च रक्तचाप के खतरे को कम कर देती है और इस प्रकार सी. के. डी. के जोखिम को कम किया जा सकता है।

2: संतुलित आहार

ताजे फल और सब्जियों युक्त आहार लें। आहार में परिषत खाघ पदार्थ, चीनी, वसा और मांस का सेवन घटाना चाहिए। वे लोग जिनकी उम्र 40 के ऊपर है, भोजन में कम नमक लें जिससे उच्च रक्तचाप और किडनी की पथरी के रोकथाम में मदद मिले।

3: वजन नियंत्रण रखें

स्वस्थ भोजन और नियमित व्यायाम के साथ अपने वजन का संतुलन बनाए रखें। यह मधुमेह, हृदय रोग और सी. के. डी. के साथ जुड़ी अन्य बीमारियों को रोकने में सहायक होता है।

4: धूम्रपान और तंबाकू के उत्पादों का सेवन ना करे

धूम्रपान और तंबाकू के उत्पादों का सेवन ना करे धूम्रपान करने से एथीरोस्क्लेरोसिस होने की संभावना हो सकती है। यह किडनी में रक्त प्रवाह को कम कर देता है। जिससे किडनी की कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है। अध्ययनों से यह भी पता चला हैं की धूम्रपान के कारण उन लोगों में जिनके अंतर्निहित किडनी की बीमारी है या होने वाली है, उनके किडनी की कार्यक्षमता में गिरावट तेजी से आती है।

5: ओ.टी.सी. दवाओं से सावधान

(ओवर द काऊंटर) लम्बे समय तक दर्द निवारक दवाई लेने से किडनी को नुकसान होने का भी भय रहता है। सामान्यतः ली जाने वाली दवाओं में दवाई जैसे आईब्यूप्रोफेन डायक्लोफेनिक, नेपरोसिन, आदि किडनी को क्षति पहुँचाते हैं जिससे अंत में किडनी फेल्योर हो सकता है। अपने दर्द को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर से परामर्श से और अपनी किडनी को किसी भी प्रकार से खतरे में न डालें।

7: खूब पानी पीएँ

रोज 3 सीटर से अधिक (10-12 गिलास) पानी पीएं। पर्याप्त पानी पीने से. पेशाब पतला होता है एवं शरीर से कमी विषाक्त अपशिष्ट पदार्थों को निकलने और किडनी की पथरी को बनने से रोकने में सहायता मिलती है।

8: किडनी का वार्षिक चेक-अप

किडनी की बीमारियाँ अक्सर छुपी हुई एवं गंभीर होती है। अंतिम चरण पहुँचने तक इनमें किसी भी प्रकार का लक्षण नहीं दिखता है। किडनी की बीमारियों को रोकथाम और शीघ्र निदान के लिए सबसे शक्तिशाली पर प्रभावी उपाय है नियमित रूप से किडनी का चेक-अप कराना। पर अफसोस है की इस विधि का उपयोग ज्यादा नहीं होता है। किडनी का वार्षिक चेक-अप कराना, उच्च जोखिम वाले व्यक्ति के लिए बहुत जरुरी है, जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापे से ग्रस्त हैं और जिनके परिवार में किडनी की बीमारियों का इतिहास है। अगर आप अपनी किडनी से प्रेम करते हैं और अधिक महत्वपूर्ण है, तो 40 वर्ष की आयु के बाद नियमित रूप से अपने किडनी की जाँच करवाना मत भूलिये। किडनी की बीमारी और उसके निदान के लिए सबसे सरल विधि है की साल में एक बार रक्तचाप का माप लेना, खून में कीएटिनिन को मापना और पेशाब परीक्षण करवाना।

10 साल से अधिक का अनुभव एवम डॉक्टर्स सम्मान 2023,अनुभवी और प्रसिद्ध, नेफ्रोलॉजिस्ट (किडनी रोग विषेशज्ञ) डॉ अविनाश कुमार दुबे जी को सम्मानित किया गया, किडनी से संबंधित किसी भी समस्या के लिए सलाह लें, शरीर में सूजन | पेशाब में प्रोटीन आना | पेशाब में खून आना | उल्टी होना |जी मतलाना | पेशाब कम होना | बार-बार पेशाब होना | शुगर और ब्लड प्रेशर से किडनी में परेशानी | किडनी स्टोन | क्रोनिक किडनी डिजीज | यूरिन इन्फेक्शन | नेफ्रोटिक सिंड्रोम, अपॉइंटमेंट बुक करें

डॉ अविनाश कुमार दुबे

MBBS (Gold Medalist), MD (Medicine), DM (Nephrology) JIPMER
Consultant & Interventional Nephrologist
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